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रोज़ाना चार कांधों पर न जाने कितनी अर्थियां सजती ह

रोज़ाना चार कांधों पर न जाने कितनी अर्थियां सजती है,
और न जाने कितने आंखों के ख़्वाब टूटकर बिखरते है,

©#Seema.k*_-sailent_*write@
  #silhouetteटूटे टूकडों का क्या करूं।

#silhouetteटूटे टूकडों का क्या करूं। #ज़िन्दगी

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