मेरी इल्तिजा इतनी है खुदा से ,पता नहीं किस ओर जा रहा हूं रास्ता तू बन जाना मुसाफिर बनकर मैं आ रहा हूं। इल्तिजा -फरियाद, हिम्मत सिंह writing #thinking# Punjabi poetry# Hindi poetry# Urdu poetry# मेरी इल्तिजा इतनी है खुदा से ,पता नहीं किस और जा रहा हूं रास्ता तू बन जाना मुसाफिर बनकर मैं आ रहा हूं। इल्तिजा -फरियाद, हिम्मत सिंह