Dedicating a testimonial to engineer shahb Manish Anand
योगी वह है, जो अपने शब्दों के साथ साथ अपनी भाषा की मर्यादा भी नहीं भूलता हैं |
योगी वो भस्म है, जिसके छूने मात्र से आत्मा को तृप्ति प्राप्त होता है |
योगी वह मुसाफ़िर है, जो हर राह भटके पथिक को सही पथ दिखलाता हैं |