अब ना तन्हाईं हाे.... अब ना तन्हाईं हाे, फिर से ना जुदाईं हाे.. ख्वाब हैं मेरे तुम ही तुम उनमें समाईं हाे... तुमसे ना पहले मेरा काेईं और था यारा... जब से तुझकाे देखा है दिल भी तुझपे हारा... मैं बीछड़ जाऊँ ये भला कैसे मुमकिन है... तुम्हें चाहता हूं इतना दूर हाे के भी संग-संग हूं... अब ना तन्हाईं हाे, फिर से ना जुदाईं हाे.. ख्वाब हैं मेरे तुम ही तुम उनमें समाईं हाे... इज़ाजत दे देना तुझमें भी उतर जाऊं... सांसाें की तरह बनकर तुझमें भी बह जाऊं.... तुम जब कभी हँसती हाे दिल मेरा धड़कता हैं... लगता है जैसे मुझकाे मुझपे सावन बरसता हैं..... जिक्र में भी तुम रहती हाे जब से तुझसे जुड़ा नाता हैं.... अब ना तन्हाईं हाे, फिर से ना जुदाईं हाे.. ख्वाब हैं मेरे तुम ही तुम उनमें समाईं हाे... दुनिया से दूर कहीं तुझकाे ले जाऊँगा.... इश्क करते करते तुझकाे तुमसे तुमकाे चुराऊँगा.... चांद ताराें की वादी में तेरे ही संग जाऊँगा... जमीं से फलक की दूरी चाहत में मिटा दूंगा.... तुम जाे हा कर दाे सच हाेंगी बाते सारी... आधी मुलाकाते मिल हाेंगी तुझसे पूरी सारी.... अब ना तन्हाईं हाे, फिर से ना जुदाईं हाे.. ख्वाब हैं मेरे तुम ही तुम उनमें समाईं हाे... 🖊राैशन #Poetry #हिन्दीकविताएँ #_shayari💞 #शायरी #shayari #Karwachauth