एक गलतफहमी के पीछे तुमने क्या पा लिया, जिसे पाना था तुम्हे उसे भी खो दिया... जिक्र कभी मेरा कर लेती होंगी मगर नाम कब तलक छुपाओगी, दर्द मेरे सीने मे हैं ये बात अपने जहन मे कब तलक रख पाओगी ! ओठों को खामोश रखकर ज़िन्दगी के मायने नहीं जाने जाते, दर्द हो तो बयाँ कर लिए जाते.... एक तरफा सोचकर कब तलक जीओगी मर जाऊंगा मै तड़प तड़प कर, क्या यही सोचकर मुज्हे अकेले ही मरने को छोड़ दोगी! जहन में आज भी दर्द नासूर बनकर जहर हो रहा हैं, तेरे मायने मे खुश हैं हम सायद.... मगर मेरी महफ़िल मे ज़िक्र तेरा हो रहा हैं ! मेरी महफ़िल चंद लोगो की नहीं मेरे अंदर के जहाँ की हैं, तुझे बारिश के बारे मे हम क्या बतलाये ये आसमां की नहीं मेरे आसुओ की हैं ! मुज्हे तुम ये बता दो मेरी जानेजां कब तलक मै अपनी तन्हाई के खालीपन को भरता रहूँगा, कही ऐसा तो नहीं मै पूरी उम्र तड़पता रहूंगा ! •BABA WRITES• ©Rohit Kumar #allalone #bidaishayari #plz_suport_me_like_and_share #Singer_official #Sanam_bewfa_