पंख टूट गए तो क्या.... पंख टूट गए तो क्या रखती हूं बुलंद हौसले अपने और ...... कदम धरा पर ही उड़ नहीं पाऊंगी माना पर चलूंगी कदम-दर-कदम बढ़ूगी कदम-दर-कदम निशा बनाती मृद - रज पर एक नया रास्ता रच कर मंजिल तो पा ही जाऊंगी विकराल बवंडर के हाथों से उन्मादी झंझावतों से खुशियां हर के ले जाऊंगी जीवन वर के ले जाऊंगी पंख टूट गए तो क्या... रखती हूं बुलंद हौसले अपने सोनिया सूर्य प्रभा 5 जून 2018 # पंख टूट गए तो क्या