दोस्तो आदाब। अभी 2 दिन पहले नासिर काज़मी की ज़मीन पर एक मिसरा-ए-तर्ह दिया गया था।
दिल यूँ ही इन्तिज़ार करता है
आज फिर उसी बहर में एक मिसरा दिया जा रहा है। जो कि राजेश रेड्डी साहब का है।
'लौट आए ख़ुदा ख़ुदा करके'
2122 , 12 12, 22
इस में रदीफ़ है - कर के क़ाफ़िया है वो आ की मात्रा वाले शब्दों का। #Challenge#yqbhaijan#tarhighazal