अनुपस्थिति में तुम्हारी कागजों के खेतों में बोई कुछ गजलें पन्नों में गूढ़ी कविताएं लफ्जों में.. यादों की कुदाल से खोदे लम्हे जब मन ने कुछ जड़ें मिली बिछड़न की छलके आँसू बंजर मन में.. था एक आस का बीज भी बोया कतार से स्वप्नों को पिरोया खाद उड़ेली स्याही की शब्दों में तुमको संजोया.. अनुपस्थिति में तुम्हारी लम्हों की बागबानी सीख ली मैंने प्रेम के पौधे को पेड़ किया.. -KaushalAlmora #अनुपस्थिति #absence #तुम #बागबानी #yqlove #poetry #love #life