शामे-फ़ुर्क़त में तिरी याद सताने आयी दिल में चाहत की नई शम्मा जलाने आयी। हमने इक बार तिरा नाम लिखा था दिल पर बेरहम दुनिया कई बार मिटाने आयी। फिर ये है कैसा जुनूं कैसी डगर कैसा सफ़र रात तारीक तिरे ख़्वाब दिखाने आयी। तेरी ख़ुशबू में भी देखी है बला की ताक़त जब भी दीवार अना की ये गिराने आयी। शिद्दते-दर्द से जब हो गया दिल पत्थर का तब ये दुनिया मुझे रो रो के हंसाने आई। #yad #ygbaba #saifi #yqbhaijan