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जब जब सज्जनता झुकी है, तब तब पुरुषोत्तम पर लगा है

जब जब सज्जनता झुकी है,
तब तब पुरुषोत्तम पर लगा है कलंक,
तब तब नारित्व का हुआ है अपमान,
बुराई के समक्ष एक सज्जन व्यक्ति
की चुप्पी इंसानियत की हार है,
और जो यह कहते हैं की आजकल
तो ऐसा ही होता है,
वे किसी नपुंसक से कम नहीं,
बुराई के खिलाफ़ लड़ने की हिम्मत नहीं,
तो चुप रहकर बुराई की राह पर चल पड़ते हैं।

©Akhil Kael तीखा सच
जब जब सज्जनता झुकी है,
तब तब पुरुषोत्तम पर लगा है कलंक,
तब तब नारित्व का हुआ है अपमान,
बुराई के समक्ष एक सज्जन व्यक्ति
की चुप्पी इंसानियत की हार है,
और जो यह कहते हैं की आजकल
तो ऐसा ही होता है,
वे किसी नपुंसक से कम नहीं,
बुराई के खिलाफ़ लड़ने की हिम्मत नहीं,
तो चुप रहकर बुराई की राह पर चल पड़ते हैं।

©Akhil Kael तीखा सच
akhilkael0764

Akhil Kael

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Super Creator
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