एक रात दिसंबर की मुझे पागल कर गयी ! जख्मों की खबर नहीं और वो घायल कर गयी!! उसके मंसूबों के साथ वो बेवफा रात भी थी, कहर इतना बरसाया कि मुझे कायल कर गयी !! उस रात की कातिलाना मुस्कराहटे नाम थी मेरे, दिल डूब गया उसमें,लगा कि वो जमाल कर गयी!! रात का सन्नाटा शोर उसकी नशीली आँखों में था, वो अपने कॉपते लवों से जिंदगी बेहाल कर गयी!! उस रात के सन्नाटे का शोर कुछ यूँ उठा हर तरफ, कि कातिल आवाज़ पूरे शहर में बबाल कर गयी!! #december #babal#pagal