मिलकर सभी अंधेरे अब रोशनी को मारेंगे । कुछ लोग रहकर ज़मीं पर अहले ज़मीं को मारेंगे। मुसीबत गर घर न पहुंचे तो मुसीबत नहीं होती,, कब तलक रहकर वहम में हम यक़ीं को मारेंगे। वह अहले-ईमाँ और थे जो ग़िलाफ़े-काबा पकड़ कर रोए थे,, आज गर अबाबील भी आ जाए तो पत्थर हमी को मारेंगे। #india #CAA #NRC