दोस्ती ना समाज की बनावट देखती है न चेहरे की हसीन सजावट देखती है दोस्ती ना पैसों का आभाव देखती है ना ऊंच नीच जात पात देखती है देखती है तो बस दिल में भरा एहसास देखती है भावमुग्ध प्यार देखती है दोस्ती होती महाभारत के कर्ण के वचनों सी कृष्णा और सुदामा के प्रेम के कथनों सी #frienship