तारीफ करु तो क्यूं नही, इसके काबिल है वो॥ तूफां मे मिले जो हमको , शाहिल है वो॥ यू ही नही लिख रहा हू यारो, अगर मै कलम तो मेरी शायरी है वो॥ Jay waliya