नदियों के किनारे बसा है हमारा गांव लहरों के संग संग चलते थे पाव पाव मस्ती ऐसे करते थे जैसे पीपल पेड़ के नीचे छाव छाव रेत में चलकर देखते थे अपने पैरो से बनाए चिन्ह देख के मुस्कुरा देते तो यू जैसे मोरनी नाचती है बारिश के पानी के हर बूंदों को देख कर मजा आ जाता था जब हम बरसात के मौसम में कागज के नाव नाव preeti uikye 10/03/21 ©Gondwana sherni नदियों के किनारे #hangout