हँसती हो तो वीराने में जैसे बारिश होती है। थम जाए हर वो लम्हा ऐसी ख़्वाहिश होती है। बदमाशी से तेरी बिन मौसम भी बारिश होती है। यूँ कह दूँ की भोली आँखों में भी साज़िश होती है। From my book #शंखनाद हँसती हो तो वीराने में जैसे बारिश होती है। थम जाए हर वो लम्हा ऐसी ख़्वाहिश होती है। बदमाशी से तेरी बिन मौसम भी बारिश होती है। यूँ कह दूँ की भोली आँखों में भी साज़िश होती है।