मुझे बरसों लगे थे एक घर बनाने में मैंने बहुत मेहनत की थी उसकी एक-एक नीव लगवाने में बड़ा खुश होकर मेहनत का सफर तय किया था मैंने उस घर के अंगियाने में भगवान और मेरे मम्मी पापा भी खुश हुए थे मेरे मेहनत को आजमाने में लोगों ने कसर भी ना छोड़े एक एक ईट गिराने में उजड़े हुए खंडहर में छोड़ गए वह मुझे मेरे आशियाने में वह मंजर बहुत दर्द में था जब लुटेरे बिखेर रहे थे मेरे आशियाने को मुझे बरसों लगे थे एक घर बनाने में..... @नर्गिस_खान 😟 { मुझे बरसों लगे थे} by Nargis khan #trending #my_poetry #original_me #nojotohindi #nojotofamily #Zindagi @