#कुछ कहना है तुमसे एक शाम हसी अब अजनबी हो गई, सांस मेरी भी अब अनकही हो गई। जो चेहरे थे अभी है कहा, जिनकी परछाई प्यारी हो गई। हम जब कभी भी गए जो दूर थे, भीड में भी ये तन्हाई तन्हा हो गई। दिल की कच्ची जमी पर वह चले, ओर झील लहू की गहरी हो गई। कुछ भी तो ना कह के कह गई, बात उन आख तक न्यारी हो गई। जो वही है बात प्यारी आज भी, क्यों कहानी यह पुरानी हो गई। ©Boywhowritesimply #kuchkahnahaitumse on insta @boywhowriteimply