जब मैं हमेशा खुश रहता था, मुझे वो दिन लौटा दो,
वो सुहाना वक़्त, वो मौसम लौटा दो,
मुझे मेरी उनकही कहानी वाला बचपन लौटा दो,
जब नन्ही सी बातों पर, सब जोर-जोर से हंसते थे,
जब थोड़ा सा रोने पर, सब दिल की बात समझते थे,
जब रातों को माँ की लोरी, अनूठा एहसास दिलाती थी,
सुबह तक माता की छाती, अलबेली नींद सुलाती थी,