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।।सन्नाटा।। सन्नाटा में शोर नहीं। इस पर किसी का जो

।।सन्नाटा।।
सन्नाटा में शोर नहीं।
इस पर किसी का जोर नहीं।
हो जाती है अच्छों-अच्छों की बत्ती गुल।
सन्नाटे से जब जाते है मिल।
दुःखों के जैसी वीरान डगर और घर।
खुशियों  दिखती है बहुत दूर तारों के जैसी झिलमिल।

बृन्दावन बैरागी"कृष्णा"

©Brandavan Bairagi "krishna" ।।सन्नाटा।।
।।सन्नाटा।।
सन्नाटा में शोर नहीं।
इस पर किसी का जोर नहीं।
हो जाती है अच्छों-अच्छों की बत्ती गुल।
सन्नाटे से जब जाते है मिल।
दुःखों के जैसी वीरान डगर और घर।
खुशियों  दिखती है बहुत दूर तारों के जैसी झिलमिल।

बृन्दावन बैरागी"कृष्णा"

©Brandavan Bairagi "krishna" ।।सन्नाटा।।

।।सन्नाटा।। #कविता