।।सन्नाटा।। सन्नाटा में शोर नहीं। इस पर किसी का जोर नहीं। हो जाती है अच्छों-अच्छों की बत्ती गुल। सन्नाटे से जब जाते है मिल। दुःखों के जैसी वीरान डगर और घर। खुशियों दिखती है बहुत दूर तारों के जैसी झिलमिल। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" ।।सन्नाटा।।