आँखों मे तैरता खाबों का जहाज मजबूरियों के समंदर में डूब गया भूख ने खाबों को रुकने ना दिया कल के उदय होने वाले सूर्य को आज के अंधियारे ने फिर मौका न दिया जाने आये कितने ही वादों की सौगात लेकर पर उसके खाबों को किसी ने ना पूरा किया कल का हकीकत रूपी जहाज पानी मे उतरने से पहले ही डूब गया #poetry#khwab#majboori#kalakash#nojotohindi