#OpenPoetry अब के सावन में सबका हिसाब कर दूंगा जिसका जो बाकी है वो भी हिसाब कर दूंगा और मुझे इस गिलास में ही कैद रख वरना पूरे शहर का पानी शराब कर दूंगा. #शराब#शायरी