उलझ कर के तेरी ज़ुल्फ़ों में यूं आबाद हो जाऊं, कि जैसे लखनऊ का मैं अमीनाबाद हो जाऊं ♥️ मैं यमुना की तरह तन्हा निहारूं ताज को कब तक, कोई गंगा मिले तो मैं प्रयागराज हो जाऊं 🚩 #संगम #प्रयागराज © Pooja Rai #good_morning