जिसे छुआ हमने वो राख बन बैठा, जिसे पाला हमने वो नाग बन बैठा, उसे पता था कि हम नादान है, कम्बख़त उस पहेलिये ने इस दिल का ही शिकार कर बैठ..। Abhishek Singh