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जो प्रेम असहिष्णु हो, जो दूसरों के मनोभावों का तनि

जो प्रेम असहिष्णु हो, जो दूसरों के मनोभावों का तनिक भी विचार न करे, जो मिथ्या कलंक आरोपण करने में संकोच न करे, वह उन्माद है, प्रेम नहीं!!" 

~ मुंशी प्रेमचंद

©Rishikesh Tiwari #LIERATURE
जो प्रेम असहिष्णु हो, जो दूसरों के मनोभावों का तनिक भी विचार न करे, जो मिथ्या कलंक आरोपण करने में संकोच न करे, वह उन्माद है, प्रेम नहीं!!" 

~ मुंशी प्रेमचंद

©Rishikesh Tiwari #LIERATURE