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जाने किस उम्मीद पर जी रहा हूं अब तक आखिर तुम जा रह

जाने किस उम्मीद पर जी रहा हूं अब तक आखिर तुम जा रहे हो मेरा दिल तोड़कर 
नफरत की आग में मैंने सारे शहर को जलाया है एक तुम्हारा ही घर छोड़कर

©Anuj Kumar Pal #26/11
जाने किस उम्मीद पर जी रहा हूं अब तक आखिर तुम जा रहे हो मेरा दिल तोड़कर 
नफरत की आग में मैंने सारे शहर को जलाया है एक तुम्हारा ही घर छोड़कर

©Anuj Kumar Pal #26/11