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शिव हो जिसके मन में, मन हो ना कभी उदास सिर पर हाथ

शिव हो जिसके मन में, मन हो ना कभी उदास
सिर पर हाथ प्रभु का, प्रभु हों दिल के पास
मूरख ढूँढे पत्थर में, जाने ना कण कण मे है वास
शिव हो _____________________पास।। 
होती नहीं माता पिता की सेवा, 
जो हैं हर घर में भगवान, 
इतनी छोटी बात ये क्यों भूल गया इंसान, 
झूठी श्रद्धा दिखाने क्यों जाते मूरत के पास, 
ये भक्ति उनकी देख के, होते शिव निराश।।

©Santosh Narwar Aligarh #savankamahina
शिव हो जिसके मन में, मन हो ना कभी उदास
सिर पर हाथ प्रभु का, प्रभु हों दिल के पास
मूरख ढूँढे पत्थर में, जाने ना कण कण मे है वास
शिव हो _____________________पास।। 
होती नहीं माता पिता की सेवा, 
जो हैं हर घर में भगवान, 
इतनी छोटी बात ये क्यों भूल गया इंसान, 
झूठी श्रद्धा दिखाने क्यों जाते मूरत के पास, 
ये भक्ति उनकी देख के, होते शिव निराश।।

©Santosh Narwar Aligarh #savankamahina