कबीर सागर, अध्याय "ज्ञान बोध (बोधसागर)" - पृष्ठ 29
नहीं बाप ना माता जाए, अविगत से हम चल आए।
कल युग मे कांशी चल आए, जब हमरे तुम दर्शन पाए।।
जिसका प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3, 5, मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, सूक्त 94 मंत्र 3 में है। वहीं कबीर परमेश्वर ने 600 वर्ष पूर्व स्वयं बताया था कि मेरे कोई माता पिता नहीं हैं, मैं स्वयं प्रकट हुआ सतभक्ति बताने के लिए।