खुदा से भी कभी अपने लिए जन्नत नहीं मांगी, ग़नीमत है , कि मैंने हाथ से मिन्नत नहीं मांगी, सबब तो पूछते है लोग इस नाकामयाबी का, मगर ज़मीर कि ख़ातिर कहीं कीमत नहीं मांगी, © कमल कर्मा"के.के." #खुद्दारी