एक राह जिसे मैं चुनूं जिसकी मंज़िल तुम हो एक ख़्वाब बुनु चुपके से जिसमें सिर्फ़ तुम हो एक खयाल आते ही मुस्कुरा उठूं वो खयाल तुम हो एक सफर तय करना है मुझे जिसमें हमसफ़र तुम हो जिस राह मैं चलूं यारा राहे राहगुजर तुम हो मेरी सुबह मेरी शाम मेरी रात तुम हो मेरे हर पल हर लम्हे में मेरे साथ तुम हो ©Nikhil Kumar #ek_khayal #yun_hi