जब भी गुजरता हूं उस इमारत के सामने से, तो कदमों का सिलसिला ना जानें क्यों रुक जाता है । मैं चाहता तो नहीं हूं झुकाना इसको, लेकिन पता नहीं ये सर मेरा खुद क्यों झुक जाता है ।। विनीत तोमर इमारत ..!! #We_are_all_broken