बचपन और कागज़ की कश्ती तेरी ख़्वाहिशों के लिए टूटे थे तब वो तारा थे हम , अपनी ख़्वाहिशों को जब पूरा करना चाह तो लोगों ने मतलबी ठहरा दिया । --अनुष्का वर्मा #Nojoto