बिन मॉंगे मिल रहा हो तो ख़्वाहिश फ़िज़ूल है, सूरज से रौशनी की गुज़ारिश फ़िज़ूल है !! एै आसमान तेरी इनायत बजा मगर, फ़सलें पकी हुई हों बारिश फ़िज़ूल है !!