चाहे महल बनालो हजारों मुस्कान तुम्हारी खुश्बु है जीवन के इम्तिहान में पहचान तुम्हारी खुश्बु है आज हर तरफ बैचेनी ही बैचेनी इसका कारण """लालसाएँ,इच्छाएँ,तमन्नाएँ,,,और महत्वाकाक्षांएँ,,,,,,,,उसे पाने की हौड व जिदंगी की भागा दौडी ,,,, ख्वाहिशें बहुत बेवफा होती है जब एक पुरी हो जाने के बाद वो बदल जाती है बस इसी बदली बैचेनी का नाम है""भागा दौडी"रुपी जिंदगी