इंसानो की मनमर्जी, कर्मों में शैतानी है, राह चलते कोई भी महफूज नहीं, नियत लोगों की हो गई हैवानी है, कुदरत भी अब चरम सीमा पर है, रोज ला रही सुनामी है। ©Vik Pathak सुनामी। #IFPWriting