प्रीत ने तुम्हारी.... जीवन मे मेरे भर दिए हैं, इन्द्रधनुषी रंग खुश रहती हूँ मैं अब इनके संग होने से तुम्हारे, ज़िंदगी मेरी हो गई हैं आसां.... लड़ सकती हूँ मैं कोई भी जंग प्यार में तुम्हारे खो गई हूँ मैं ऐसे.... दिल मयूर मेरा नाचे है हर पल, पुलकित है मेरा अंग अंग कुछ और अब ना चाहूँ मैं.... दिल में मेरे बजते हैं जल तरंग, जब से मिला है मुझे तुम्हारा संग •☆• जीएटीसी कोलाॅबज़ ५•☆• 《हिंदी चैलेंज ७》 नियमावली: १. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में अपना कोलाॅब लिख सकते हैं। आपकी रचना मेरी पंक्तियों के विषय से मेल खानी चाहिएँ। २. आप चाहें तो कितनी भी लंबी रचना लिख सकते हैं, अनुशीर्षक में भी लिख सकते हैं। रिव्यूज़, बुकमार्कज़ एवं हाईलाईट -- संपूर्ण कृति के आधार पर ही होंगे।