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Alone "दोस्त पुराने" एक एक करके, सब दोस्त जिंदगी

Alone  "दोस्त पुराने"
एक एक करके, सब दोस्त जिंदगी से जाने को है,
वो गम मायूस सा था, अब हम पर मुस्कुराने को है।
सब तैयारी में है,अलग अलग कूच करने की,
कीमती दोस्त छोड़, वो चंद रुपए कमाने को है।
जो बेपरवाह से घूमते थे कभी साथ साथ,
सब सयाने हो चले अब, तैयार जिमेदारी निभाने को है।
जिनको देखकर ही तबीयत खुश हो जाती थी "नवीन",
उनको ही इसकी खबर थी, अब यह खबर जमाने को है।
मैं हूं उदास, या मेरे यारों को भी टीस है इस बात की,
हम मसरूफ है बड़े, या बस औपचारिकता निभाने को है।
चलो फिर समेटे कुछ मस्तियां,कुछ बेबाकियां अपनी,
यादों की गठरी फिर खोले, की वक़्त दोस्ती आजमाने को है।
गीतों की अंताक्षरी खेले, पीछे टेबल को साज बनाए,
फिर जीलें बीते पलों को,कल को फिर से आज बनाए।
चल टप कर पिक्चर देखें, होली में हुडदंग मचाएं,
वाशरूम पर दीवाली में, चल पटाखों की लड़ी लगाएं।
कुछ बातें लिख नहीं सकता, तुम समझ गए होंगे,
बांट ली यह यादें तुमसे,की यह मुझे अब सताने को हैं।
एक एक करके..........................
पचास फुट याद है,तो चल उस पर चढ़ जाएं हम,
कूद नदी में यारों संग, फिर गोताखोर कहलाए हम।
इक दोस्त की खातिर, हम सब बड़ों बड़ों से लड़ जाते थे,
और पीटकर कभी टीचर से, इक दूसरे पे मरहम लगाएं हम।
किस्मत से क्या गिला,जब यारों का ऐसा झुंड मिला
फिर अभिलाषी मन, वो पूराना तांडव मचाने को है।
एक एक करके............................
तो चलो एक रुख स्कूल की तरफ कर आते हैं,
मिलकर फिर एक दूसरे पे दिल खोल चिल्लाते हैं।
जीवन की आपाधापी से, उधार ले लो कुछ लम्हे,
और जो असल में जिंदगी थी, उसे फिर जी आते हैं।
की बहुत वक़्त बीत गया तुम कमीनो से मिले हुए,
की वक़्त फिर से यारों की महफ़िल जमाने को है।
एक एक करके.............…...........
- नवीन गोदियाल #alone #Friend #Life #Childhood #School #पुरानी_यादें #शरारतें
Alone  "दोस्त पुराने"
एक एक करके, सब दोस्त जिंदगी से जाने को है,
वो गम मायूस सा था, अब हम पर मुस्कुराने को है।
सब तैयारी में है,अलग अलग कूच करने की,
कीमती दोस्त छोड़, वो चंद रुपए कमाने को है।
जो बेपरवाह से घूमते थे कभी साथ साथ,
सब सयाने हो चले अब, तैयार जिमेदारी निभाने को है।
जिनको देखकर ही तबीयत खुश हो जाती थी "नवीन",
उनको ही इसकी खबर थी, अब यह खबर जमाने को है।
मैं हूं उदास, या मेरे यारों को भी टीस है इस बात की,
हम मसरूफ है बड़े, या बस औपचारिकता निभाने को है।
चलो फिर समेटे कुछ मस्तियां,कुछ बेबाकियां अपनी,
यादों की गठरी फिर खोले, की वक़्त दोस्ती आजमाने को है।
गीतों की अंताक्षरी खेले, पीछे टेबल को साज बनाए,
फिर जीलें बीते पलों को,कल को फिर से आज बनाए।
चल टप कर पिक्चर देखें, होली में हुडदंग मचाएं,
वाशरूम पर दीवाली में, चल पटाखों की लड़ी लगाएं।
कुछ बातें लिख नहीं सकता, तुम समझ गए होंगे,
बांट ली यह यादें तुमसे,की यह मुझे अब सताने को हैं।
एक एक करके..........................
पचास फुट याद है,तो चल उस पर चढ़ जाएं हम,
कूद नदी में यारों संग, फिर गोताखोर कहलाए हम।
इक दोस्त की खातिर, हम सब बड़ों बड़ों से लड़ जाते थे,
और पीटकर कभी टीचर से, इक दूसरे पे मरहम लगाएं हम।
किस्मत से क्या गिला,जब यारों का ऐसा झुंड मिला
फिर अभिलाषी मन, वो पूराना तांडव मचाने को है।
एक एक करके............................
तो चलो एक रुख स्कूल की तरफ कर आते हैं,
मिलकर फिर एक दूसरे पे दिल खोल चिल्लाते हैं।
जीवन की आपाधापी से, उधार ले लो कुछ लम्हे,
और जो असल में जिंदगी थी, उसे फिर जी आते हैं।
की बहुत वक़्त बीत गया तुम कमीनो से मिले हुए,
की वक़्त फिर से यारों की महफ़िल जमाने को है।
एक एक करके.............…...........
- नवीन गोदियाल #alone #Friend #Life #Childhood #School #पुरानी_यादें #शरारतें