जब तुमको हम पर यकीं ही नहीं तो मैं चाह कर के भी कुछ नहीं कर सकता ये जो है चाहते और फासले है दरमयाँ धड़नके तो एक है फिर क्यों है दूरियाँ तुमने सोचा भी न होगा कि कोई इतनी भी मोहब्बत है कर सकता मेरी ही problem है तो soluation भी मेरा ही होगा तुम्हें क्या फर्क पड़ेगा मोहब्बत मेरी है तो दर्द भी मुझे ही होगा होगा। आ रहा हूँ तेरे शमशान में महाकाल तू भी वैरागी और मैं भी वैरागी।