ख़ामोश हूँ मैं लब पे शिकायत तो नहीं है , फ़रियाद करूँ ये मिरी आदत तो नहीं है , आबाद रहा दिल में वही एक सख्श 'शादाब' अब ग़ैर को आने की इजाज़त तो नहीं है।। "शादाब कमाल" #खामोश