एक किरदार है जो निभा रहा हूँ मै.. जाने अब ख़ुद से क्या चाह रहा हूँ मै... कुछ इस कदर भटक चुका हूं राहों में... कि अब ख़ुद के ही राहों में आ रहा हूं मैं... मिटाना उसकी याद को अब नामुमकिन सा हो गया है... इसलिए देख के तस्वीर उसकी खुद को ही मिटा रहा हूँ मै.. आज फिर तुझे भूलने की कोशिश मैं.. कमबख्त तेरा नाम लेकर चिला रहा हूँ मै... तेरी यादों को अपनी दर्द की वजह बना रहा हूँ मै.. एक बार फिर जिस हाथ से थामे थे तेरे हाथ.. उन्हीं हाथों से खून निकाल रहा हूँ मै.. ©Rv goswami #Morningvibes