मेरे अल्फाज़ों में तेरा ज़िक्र हर बार होता है। तू पास होती है फिर भी तेरा इंतज़ार होता है। वक़्त बेवक़्त तुझसे मिलने की ये ख़्वाहिश। सही मायनों में यही मुक़म्मल प्यार होता है। तरसती हैं निगाहें तुझे हर पल देखने को। बड़ी मुश्किल से तेरे रूप का दीदार होता है। जब भी तेरी एक झलक पाता है दिल मेरा, आँखों को सुकूँ और दिल को करार होता है। बेशक़ तू मुझसे दूर है दिल को तेरी चाहत है, ये सिलसिला चारों पहर और हर बार होता है। मेरी आख़िरी ख़्वाहिश मत पूछ ऐ हमदम मेरे। तुझे पाने की ज़िद में ये दिल हर बार रोता है। ♥️ Challenge-755 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।