दिल में हो ख़ौफ़े खुदा हर लम्हे। हर घड़ी इश्के मुस्तफ़ा या रब।। काबिले रश्क़ हो मेरा जीना।। मुझको जिल्लत से तू बचा या रब।। शुक्र और सब्र हो सदा मुझमे। लब पे ना हो कोई गिला या रब।। इस वबा ने बहुत सताया है। कर करम हम पे या खुद या रब।। तुझसे फिरकर के कहाँ जाएंगे। कौन तेरे सिवा मेरा या रब।। देख उम्मत अज़ाब में है करीम। तुझसे कब कौन क्या छिपा या रब।। तेरे भटके है लौट आए है। तेरी रहमत पे है निगाह या रब।। तू उम्मीदों को टूटने ना दे। हम है कमज़ोर या क़वी या रब।। आज मुश्किल है सांस ले पाना। रहमतों की चला हवा या रब।। हम गरीबों का एक तू ही है। दुखड़ा किसको करे बयाँ या रब। वासिता तुझको प्यारे रमज़ा का। ख़ैर कर हाल या खुदा या रब।। जिसके खातिर बनाई ये दुनिया। उसके सदके मिटा वबा या रब।। ©AhMeD RaZa QurEsHi #RAMADAAN #दुआ🤲 #∆hMeD_RaZa_QurESHI @MiyA Azad ताहिर তাহীৰ indira