लगता हैं जिंदगी ने फिर से रुलाने का इरादा बनाया है, की_ उल्फत में भी_, बेवजह फिर से मुस्कुराए जा रही हैं जिन्दगी,, बिना धुन के फिर से गुनगुनाए जा रही हैं जिन्दगी, की_ खुशियों ने फिर से बड़ी ही तेजी से पंख फैलाया है, लगता हैं जिंदगी ने फिर से गिराने का इरादा बनाया है, हां__, जिन्दगी ने फिर से रुलाने का इरादा बनाया हैं..! ©Shikha Srivastava #my📓my🖋️ #mywords #mypoetry_mypassion #myfillings😕 #throughmywordz