तुम कहाँ खड़े हो हो हांसिल में या युहीं पड़े हो 'कल' से तुमने क्या सीखा था 'आज'तुम्हे 'कल' सिखलायेगा क्या खोया क्या पाया तुमने या दिग्भ्रमित से खुद उलझे हो कुछ तो सोचो.... : वो ख़्वाब मख़मली जो देखे थे सपने अपने हुए क्या तेरे ? अल्हड़ मस्त जवानी के जो वादे किए हुए क्या पूरे ? कुछ चाहत तो 'पिता' लिए थे कुछ ख्वाहिस 'माँ' के दिल बाली कुछ अरमां 'परिजन' के भी कुछ 'जज़्बे' सामाजिक बोलो ऋण चुकता कर दिए क्या तुमने ? या अनुबंध हैं अभी अधूरे ! कुछ तो सोचो..... 😊🍵 सुप्रभात। परिस्थितियों से मुँह फेर लेना कहाँ तक उचित है। कुछ सोचने से आगे का रास्ता खुलता है। #सोचो #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi..... एक पंक्ति याद आई ---- मुझसे क्या पूछते हो "अपने" दिल को टटोलो ! 😊🍵