जितनी बात करोगे हम उतने में काम चला लेंगे। अरे हम तो आपकी ख़ामोशी में भी मुस्कुरा लेंगे। बे-मतलब में कहाँ जुड़ता है कोई भी आजकल! हम आपको बे-मतलब ही ख़ास बना लेंगे । सुनो जहाँ चाहत होती है दुःख भी वहीं होता है। एक रिश्ता हम भी बिना चाहत के निभा लेंगे। किस तरह की उलझनें उलझाए हुए हैं आपको! यक़ीन मानिए हम सारी उलझने सुलझा लेंगे। अपने दिल की बात बे झिझक कह दीजिए हमें अब झिझक कैसी हम हर हाल में अपना लेंगे। ♥️ Challenge-906 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।