कभी मैं तुम्हारी बाहों में खिलती हुई एक प्रेम कली थी, जिसे संजोया था तुमने अपने प्रेमोएहसास से, मेरे भी जीवन में बनकर आए तुम एक यशोदानंदन जिसे आता था गाने बेसुरा, वो बेसुरा गीत मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत और मनमोहक गीत कब बन गया मुझे सच में नहीं पता ....! पता ही नहीं चला कि कब मैंने तुम्हारे शर्ट की टूटी हुई बटन को टांका और धागे को अपने होंठों से काटा....! पर मेरी ये दुनिया अब बस काल्पनिक ही रह गई है, मैं अब भी तुम्हारे करीब हूं, तुम तक जाती तो हूं....प्रिय❣️ बस कल्पनाओं में....@ #Vishakhaojha #Poetry #writing #poetrylovers #vishakhaojha #vishak7670 #mylove