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आज चांद अपनी घटायें फैलाए हुए है, चांद की ओर देखते

आज चांद अपनी घटायें फैलाए हुए है,
चांद की ओर देखते ही मुझे लगा मानो 
वो मुझे अपनी बाहों में समाए हुए हैं।
मेरे दिल ने कहा..
तू वही चांद है जो चाहत है मेरी, 
जिसे देखने का एक भी मौका
गवाना न चाहूं मैं..
तुझे दूर से चाहना मंजूर है मुझे,
पर तुझे खोना मेरी चाहत नहीं।।  #चाँद 
#चाहत 
#मेरेएहसास 
#मेरेख्याल 
#love #suchitapandey #सुचितापाण्डेय #yqquotes
आज चांद अपनी घटायें फैलाए हुए है,
चांद की ओर देखते ही मुझे लगा मानो 
वो मुझे अपनी बाहों में समाए हुए हैं।
आज चांद अपनी घटायें फैलाए हुए है,
चांद की ओर देखते ही मुझे लगा मानो 
वो मुझे अपनी बाहों में समाए हुए हैं।
मेरे दिल ने कहा..
तू वही चांद है जो चाहत है मेरी, 
जिसे देखने का एक भी मौका
गवाना न चाहूं मैं..
तुझे दूर से चाहना मंजूर है मुझे,
पर तुझे खोना मेरी चाहत नहीं।।  #चाँद 
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#मेरेख्याल 
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आज चांद अपनी घटायें फैलाए हुए है,
चांद की ओर देखते ही मुझे लगा मानो 
वो मुझे अपनी बाहों में समाए हुए हैं।