“ आध्यात्मिक परिचर्चा उस काल पर विचारणीय है, जब प्रचारक के जीवन का आधार स्वाध्यात्म अनुभव हो! अन्यथा अनुचित स्थानों पर ऐसी चर्चाएं सदैव अंधभक्ति और आडंबरमयी विश्वास में कठोरता उत्पन्न करती है। ” ©Shivam Tandon “ आध्यात्मिक परिचर्चा उस काल पर विचारणीय है, जब प्रचारक के जीवन का आधार स्वाध्यात्म अनुभव हो! अन्यथा अनुचित स्थानों पर ऐसी चर्चाएं सदैव अंधभक्ति और आडंबरमयी विश्वास में कठोरता उत्पन्न करती है। ” – शिवम् टण्डन #spritualthoughts #shivamtandonquotes #thoughts #nojato #नोजोटो #nojohindi #nojotospritual #spritual #God