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इंसान गिनता है की उसे कितना कमाया ... ढींगे डींगे

इंसान गिनता है की उसे कितना कमाया ... ढींगे डींगे मारता है की उसने कितना क्या किया दूसरों के लिए ....इंसान हर चीज़ का मोल लगाता है पैसों में ....
👇 पर 👇
ईश्वरीय कुदरत फ्री में हवा देती है ...पानी देती है ... ईश्वर ज़िन्दगी देता है पर कभी नहीं किसी को एहसास होने दिया की उसने कितने उपकार किये है इसलिए इंसानी नजर में इसका शायद  कोई मोल नहीं है उलट मैं का घमंड भरा पड़ा है इंसानी दिमागों में .... 
ईश्वरीय कुदरत से बड़ा उदारवादी कोई नहीं ....और ईश्वर से महान कोई नहीं ... ईश्वर सत्य है 
🙏🏻🤝🙏🏻
जय हिन्द

©NARAYAN NARALE #poem #write 

#Rakhi
इंसान गिनता है की उसे कितना कमाया ... ढींगे डींगे मारता है की उसने कितना क्या किया दूसरों के लिए ....इंसान हर चीज़ का मोल लगाता है पैसों में ....
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ईश्वरीय कुदरत से बड़ा उदारवादी कोई नहीं ....और ईश्वर से महान कोई नहीं ... ईश्वर सत्य है 
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