माँ-आज फिर से तेरी यादाें की बारिश में भींगने का मन है तेरे पल्लू काे पकड़ तेरी गाेद मे साेने का मन है आँखाें काे बंद कर मैं जीना चाहती हूं उन लम्हाें काे जब मेरी बारिश में भींगे लम्बे बालाें सुखाती थी तुम नर्म ताैलिये से तब मैं बालाें पर हाथ रख कर हाैले से इससस करती तुम मुस्कुरा कर मेरे मांथे काे चुमती कितनी गंदी हूं न मैं तुझे भूलने लगी थी किसी और के प्यार की बारिश में भींगने लगी थी पर तब भी तुम हर राेज आती हाे जब किसी के इंन्तजार में मैं सिसक के साे जाती हू हाैले छू कर मेरे गालाें काे पाेछती हाे सूखे आसूँ काे और भींगाेती हाे अपने प्यार की कभी खत्म न हाेने वाली बारिश में..... सुप्रभात। मानसून आ गया है। इसका स्वागत दोस्तों के साथ मिलकर किया जाता है। बचपन की यादों को फिर से ताज़ा करें। ये मौसम जियें। #आओभीगें #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi